लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर NIA का शिकंजा, तीन राज्यों में चार सपंत्ति कुर्क
Lawrence Bishnoi gang's four properties attached
चंडीगढ़। Lawrence Bishnoi gang's four properties attached: आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संगठित आतंकी-अपराध सिंडिकेट के सदस्यों की चार संपत्तियों को जब्त कर लिया।
UAPA के तहत की गई कार्रवाई
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एनआईए टीमों संपत्तियों को कुर्क किया गया, जिनमें से तीन अचल और एक चल थी। एनआईए ने जांच में पाया कि ये सभी संपत्तियां आतंकवाद का इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए जुड़ी आय से बनी थी।
कुर्क की गई संपत्तियां गांव बिशनपुरा, फाजिल्का, पंजाब में स्थित थीं, जो आरोपी दिलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के स्वामित्व में थी। दो संपत्तियां हैं
- खेवट नंबर 284, रगबा तेदादी (बहुलवादी) 59-15 इंच 187/2390, हिस्सा (शेयर) बक़दर
- खेवट नंबर 296, रगबा तेदादी (बहुलवादी) 225-12 इंच 127/752, हिस्सा (शेयर) बक़दर।
जोगिंदर सिंह पुत्र हुकुम सिंह निवासी यमुनानगर, हरियाणा के नाम पर पंजीकृत एक फॉर्च्यूनर कार भी जब्त की गई।
आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को दी थी शरण
एनआईए की जांच के अनुसार, विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में शामिल आरोपियों सहित आतंकवादियों को शरण दी है। जबकि जोगिंदर सिंह लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी गैंगस्टर काला राणा के पिता हैं। जोगिंदर सिंह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद के परिवहन के उद्देश्य से अपनी फॉर्च्यूनर कार का उपयोग करने की अनुमति देकर गिरोह के सदस्यों को सुविधा प्रदान कर रहा था। आरोपी दिलीप कुमार की संपत्ति का उपयोग हथियारों के भंडारण और छुपाने के लिए आश्रय/गोदाम के रूप में और आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिए भी किया जा रहा था।
व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली करते थे
एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूए(पी)ए के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए थे। ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल थे, जैसे लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली।
जेलों से संचालित करते थे सिंडिकेट
एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि इनमें से कई आतंकी साजिशों की साजिश पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों से या भारत भर की जेलों से संचालित संगठित आतंकी सिंडिकेट के नेताओं द्वारा रची गई थी।
ऐसे आतंक और माफिया नेटवर्क और उनके समर्थन बुनियादी ढांचे को बाधित करने और नष्ट करने के अपने प्रयासों के तहत, एनआईए ने हाल के महीनों में कई लक्षित रणनीतियों को अपनाया है, जिसमें आतंकवाद की आय से प्राप्त उनकी संपत्तियों की कुर्की और जब्ती भी शामिल है।
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